पांगेई संस्कृति
पांगेई संस्कृति जड़ ‘सरलता’ असी, जे तन्के सोबि कम अन्तर केती। जीं पांगी घाटी हर प्रदुषण केआं दूर असी, तीं मेह्णु के दिल बी उबाहण केआं अछुता असा। चाहे से जुकारु त्योहार भोल या फुल्लयात्रा मेला भोल, मेह्णु अपफ बुछ प्यार जुए बिश्ते त यके होरी के साथ देन्ते। से बोते ना जी “दुई बुटे बणेयेल त धारे जोत बि जी सकते”। पांगेईं मेह्णु ए: उजवाण खरी समझो असे।