पांगी के ओर शोध पेपर
पंगवाड़ी में एल.डि.एल.पि भाषाविद्द शोध करके काम कर रहे है। पंगवाड़ी भाषा या पांगी में शोध की हुई चीजे कम है। इस के नीचे लिखे किताब में पांगी के बारे में कुछ लिखा है।
- Singh, K.S. India's Communities. Volume 6. 1998. P. 2747-48.New Delhi.
इस किताब में पांगी के लोगों का इतिहास, धर्म, जाति के बारे में चार-पांच लाईन लिखी है।
- Verma.V. 1997. Pangi – A tribal habitat in mid Himalayas. Shimla.
ये किताब पुरी पांगी के बारे में लिखी है। इस किताब के अन्दर, पांगी के लोगों का इतिहास, धर्म, जाति, त्यौहार, संस्कृति, पुराने जमाने की चीजें, अर्थव्यवस्था, और पांगी घाटी सहुलियत के बारे में लिखा है।
- Gordon, Raymond G., Jr. (ed.), 2005. Ethnologue: Languages of the World, Fifteenth edition. Dallas, Tex.: SIL International. Online version: http://www.ethnologue.com/.
ये किताब पांगी घाटी की जन-गणना, पंगवाड़ी भाषा वर्ण, पंगवाड़ी भाषा उपयोग, और पंगवाड़ी भाषा में अलग-अलग नाम के बारे में लिखा है।
- Minakshi Chaudhry. 1998. Exploring Pangi Himalaya: A world beyond civilization. New Delhi.antiqbook.com
ये किताब पुरे पांगी के बारें में लिखी है। पांगी के लोगों का इतिहास, धर्म, जाति, त्यौहार, संस्कृति, शादी, पुराने जमाने की चीजें, अर्थव्यवस्था, सरकारी नौकरी, सर्दीयों के बारे, जन-जाति सहुलियत को बदलने की निति के बारे में लिखा है।
- globalrecordings.net
इस साईट में जीवन के वचन- पंगवाड़ी किलाड़ बोलि, त साच बोली के अन्दर,सृष्टि creation के बारे में, बुरी आत्मा के बारे में, इशु मसि के बारे में, मुक्ति के बारे में कथा सुनने के लिए आधा घन्टा रखा है।